सूखती हलक के रास्ते
रूठी धड़कनों के वास्ते
समन्दरों की छाँव में
ऐ मेरी ज़िन्दगी,
थोड़ी सी प्यास बचाई है
बेच दी अपनी मंज़िल
गिरवी रखी है अपनी सांसें
खरीदें हैं कुछ रास्ते
दो कदम का साथ हो तेरा
ऐ ज़िन्दगी,
खामोश राहों में एक रात सजाई है
खेल ये अरमानों का
खेलेंगे कब तक
गीले आस्मां में उडी है मेरी पतंग
डोर थामी जो तूने ऐ ज़िन्दगी
तैर आया नदियों के रास्ते
बालपन के सपनों के वास्ते
तड़पते बादलों की छाँव में
ऐ मेरी ज़िन्दगी,
थोड़ी सी प्यास बचाई है
बहुत खूब।
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Thank you 😊
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🌈🌈
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